भारत में तेजी से घट रहा है वृक्ष आवरण
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के आंकड़ों के मुताबिक, 2001 से 2023 के बीच भारत का 23 लाख हेक्टेयर वृक्ष आवरण कम हो गया. जानिए सबसे ज्यादा कमी किन राज्यों में देखी गई.
उत्तर-पूर्वी राज्यों में सबसे ज्यादा हानि
वृक्ष आवरण में सबसे ज्यादा कमी पांच राज्यों में आई. 2001 से 2023 के बीच, असम और मिजोरम में तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा की कमी आई. वहीं, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में दो लाख हेक्टेयर से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई.
दिल्ली में बहुत कम बढ़ा वृक्ष आवरण
वृक्ष आवरण में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी दक्षिण भारत के तीन राज्यों में हुई. 2000 से 2020 के बीच, कर्नाटक में 2.2 लाख, आंध्र प्रदेश में 1.9 लाख और तमिलनाडु में 1.6 लाख हेक्टेयर वृक्ष आवरण बढ़ा. उत्तर प्रदेश में 1.2 लाख हेक्टेयर और दिल्ली में सिर्फ 512 हेक्टेयर वृक्ष आवरण बढ़ा.
प्राकृतिक वनों में हुई ज्यादातर हानि
भारत में 2013 से 2023 के बीच 95 फीसदी वृक्ष आवरण की हानि प्राकृतिक वनों के भीतर हुई. 2023 में प्राकृतिक वनों के भीतर एक लाख 30 हजार हेक्टेयर वृक्ष आवरण की हानि हुई. वहीं, सबसे ज्यादा नुकसान 2016 और 2017 में दर्ज किया गया.
ज्यादा कार्बन स्टोर करते हैं प्राथमिक वन
प्राथमिक वन काफी घने, परिपक्व और जैव विविधता से समृद्ध होते हैं. ये दूसरे वनों की तुलना में अधिक कार्बन जमा करते हैं. ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच का अनुमान है कि दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वन 140 अरब टन से अधिक कार्बन स्टोर करते हैं.
आपदाओं ने पहुंचाया बड़ा नुकसान
भारत में 2001 से 2022 के बीच, आग लगने की वजह से लगभग 36 हजार हेक्टेयर वृक्ष आवरण खत्म हो गया. 2008 में सबसे ज्यादा, तीन हजार हेक्टेयर, वृक्ष आवरण आग की वजह से कम हुआ. वहीं, 2021 में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज हुईं.
वृक्ष आवरण कम होने से बढ़ी हानिकारक गैसें
भारत में वृक्ष आवरण में कमी आने के चलते, 2001 से 2022 के बीच एक गीगाटन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य समकक्ष गैसों का उत्सर्जन हुआ. इस दौरान हर साल औसतन 5.1 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य समकक्ष गैसें वायुमंडल में पहुंची.
ब्राजील के बाद दूसरे नंबर पर भारत
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक, भारत में 2015 से 2020 के बीच हर साल औसतन साढ़े छह लाख हेक्टेयर से अधिक वनों की कटाई हुई. इस मामले में भारत ब्राजील के बाद दूसरे नंबर पर रहा. इस दौरान ब्राजील में हर साल 17 लाख हेक्टेयर वन काटे गए.
आर्द्र प्राथमिक वन का क्षेत्रफल भी कम हुआ
2002 से 2023 के बीच, भारत में चार लाख हेक्टेयर से ज्यादा आर्द्र प्राथमिक वन कम हुए. इस दौरान भारत में आर्द्र प्राथमिक वन का कुल क्षेत्रफल चार फीसदी कम हो गया. सबसे ज्यादा गिरावट 2016 और 2017 में दर्ज की गई.